धर्मग्रंथों पर टिप्पणी, उनका अपमान निंदनीय/अक्रूर महाराज 

धर्मग्रंथों पर टिप्पणी, उनका अपमान निंदनीय/अक्रूर महाराज 

दी न्यूज एशिया समाचार सेवा |

धर्मग्रंथों पर टिप्पणी, उनका अपमान निंदनीय/

अक्रूर महाराज 


कनाडा से आए इस्कॉन के वरिष्ठ प्रचारक बोले- ऐसे लोगों पर एक्शन हो

मेरठ ।कृष्णभक्ति में समर्पित इस्कॉन के प्रमुख प्रचारक अक्रूर महाराज ने रामचरितमानस को फाड़ने, उस पर टिप्पणी करने वालों को अशोभनीय बताया। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथ कोई भी हो, किसी भी धर्म का हो, उसका अपमान निंदनीय है। कनाडा से आए कृष्ण भक्त अक्रूर महाराज ने कहा ऐसे निंदा जनक लोगों पर एक्शन होना जरूरी है।
 मेरठ में इस्कॉन सेंटर शास्त्रीनगर के शुभारंभ अवसर पर पहुंचेà
अक्रूर प्रभु महाराज ने कहा कि सभी धर्मों और सभी ग्रंथों का मान सम्मान रखना चाहिए, अगर कोई भी धर्म के लोग किसी भी धर्म की पुस्तक या ग्रंथ को फाड़ने का काम करते हैं। किसी भी धर्मग्रंथ का अपमान करते हैं, उन पर एक्शन होना चाहिए। कहा कि हम किसी का सम्मान नहीं कर सकते तो मत करो। आगे वो कहते हैं कि किसी भी धर्मग्रंथ को फाड़ो भी मत वो गलत है, ये निंदनीय है। ऐसे लोगों पर एक्शन जरूरी है।
उन्होंने कहा कि एक ज्ञान गुरु से आता है एक ज्ञान भगवत गीता से आता है। गीता समान है, लेकिन उसकी व्याख्या है वो सबकी अलग अलग है। हम इस्कॉन की अपनी गीता को प्रमाणिक कहते हैं। क्योंकि हमारे गुरु ने अपने गुरु से उनके गुरु से सीखा। इसलिए हम इस्कॉन की भगवत गीता को प्रमाणिक कहते हैं।
अक्रूर जी ने बताया कि गाजियाबाद बेव सिटी में इस्कॉन का बड़ा सेंटर बनने जा रहा है। बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर में भी इस्कॉन का बड़ा प्रचार केंद्र तैयार हो रहा है। पूरे यूपी और भारत की बात करें तो आने वाले 2 सालों में इस्कॉन के 100 नए केंद्र बनने जा रहे हैं। जिन पर लगातार काम चल रहा है।
सेंट्रल मार्केट में खुला नया इस्कॉन प्रचार केंद्र
उन्होंने बताया कि मेरठ में हमारा ये नया एजुकेशनल सेंटर प्रारंभ हुआ है। यहां हम भगवत गीता के बारे में बताते हैं। पढ़ाते हैं। लोगों को दोबारा कैसे वैदिक धर्म, परंपरा और सनातन परंपरा से जोड़ा जाए इसकी हम शिक्षा देते हैं। महिलाओं, पुरुषों, बच्चों सभी को संस्कारों की शिक्षा देते हैं।