ईरान ने की इस्राइली सेना को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग

ईरान ने की इस्राइली सेना को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

ईरान ने की इस्राइली सेना को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग

 इस्लामिक देशों की बैठक में आया यह प्रस्ताव

 नई दिल्ली, एजेंसी। इस्राइल और हमास के बीच जारी खूनी लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को एक बार फिर युद्धविराम के लिए बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को खारिज कर दिया। उधर अरब नेताओं को अब यह भी डर सताने लगा है कि संघर्ष अन्य देशों में फैल सकता है। शनिवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अरब नेताओं और ईरान के राष्ट्रपति की बैठक में गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में इस्राइली कार्रवाई की व्यापक निंदा की गई।

अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपातकालीन बैठक को संबोधित करते हुए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब फलस्तीनी लोगों के खिलाफ किए गए अपराधों के लिए इस्राइली अधिकारियों को जिम्मेदार मानता है। बैठक में सलमान ने गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायल की कार्रवाई के बारे में बात करते हुए कहा, 'हमें यकीन है कि क्षेत्र में सुरक्षा, शांति और स्थिरता की गारंटी देने का एकमात्र तरीका कब्जे, घेराबंदी और बस्तियों को खत्म करना है।'

बैठक में अन्य अरब नेता और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि इस्लामिक देशों को गाजा में अपने बर्ताव के लिए इस्राइली सेना को आतंकवादी संगठन घोषित करना चाहिए।वहीं, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने शिखर सम्मेलन में कहा कि यह शर्म की बात है कि पश्चिमी देश, जो हमेशा मानवाधिकारों और स्वतंत्रता की बात करते हैं, फलस्तीन में चल रहे नरसंहार के सामने चुप हैं।'कार्यक्रम में शामिल हुए फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि अमेरिका का इस्राइल पर सबसे बड़ा प्रभाव है और वह संघर्ष के राजनीतिक समाधान न होने के लिए जिम्मेदार है।

तेल आपूर्ति बाधित करने की चेतावनी 

इस बीच, राजनयिकों ने कहा कि अल्जीरिया और लेबनान सहित कुछ देशों ने गाजा में तबाही का जवाब देने के लिए इस्राइल और उसके सहयोगियों को तेल आपूर्ति बाधित करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही अरब लीग के कुछ देशों के इस्राइल के साथ आर्थिक और राजनयिक संबंधों को तोड़ने की चेतावनी देने का भी प्रस्ताव रखा है। हालांकि, 2020 में इस्राइल के साथ संबंधों को सामान्य करने वाले दो देशों संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।