कोटो, सिरोही और ज़ीलैब्स ने महिला कारीगरों के लिए किया वर्कशॉप का आयोजन

कोटो, सिरोही और ज़ीलैब्स ने महिला कारीगरों के लिए किया वर्कशॉप का आयोजन

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

कोटो, सिरोही और ज़ीलैब्स ने महिला कारीगरों के लिए किया वर्कशॉप का आयोजन

-कार्यशाला में मुजफ्फरनगर की 150 से अधिक महिला कारीगर रहीं शामिल

मुजफ्फरनगर। महिलाओं के लिए एक सोशल कम्युनिटी प्लेटफॉर्म कोटो और एक आर्टिस्ट सर्पोटेड सस्टेनेबल लक्जरी ब्रांड सिरोही ने क्षेत्र के बुढ़िना कलां गांव में मुजफ्फरनगर की महिला कारीगरों के लिए अपनी पहली ऑन ग्राउंड वर्कशॉप का आयोजन किया। 

गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अपर्णा सिंह (एमबीबीएस, एमएस, डीएम) के नेतृत्व में आयोजित वर्कशॉप का उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इसके कारणों, लक्षणों और रोकथाम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा करना था।  SII ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने की इस पहल में बतौर पार्टनर जुड़े। इसके अलावा हेल्थकेयर सॉल्यूशंस में अग्रणी ज़ीलैब्स ने महिला कारीगरों के लिए वन ऑन वन हेल्थ चेकअप किया और कार्यशाला में 300 मुफ्त मेडिकल किट वितरित किए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार भारत में महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में सर्वाइकल कैंसर का योगदान लगभग  6%-29% है। यह अनुमान लगाया गया है कि सर्वाइकल कैंसर उनके जीवनकाल के दौरान प्रत्येक 53 भारतीय महिलाओं में से एक को प्रभावित करता है, जबकि दुनिया के अधिक विकसित देशों में प्रत्येक 100 महिलाओं में से एक को प्रभावित करता है। देश में सर्वाइकल कैंसर की बढ़ती दर के कारण जागरूकता बढ़ाना और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों की महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है, ताकि वे आवश्यक कदम और निवारक उपाय कर सकें। वर्कशॉप में बुढ़ीना कलां कम्युनिटी की 150 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। डॉ. अपर्णा सिंह के मार्गदर्शन में महिला कारीगरों को न केवल सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक किया गया, बल्कि उन्हें अपने ओवरऑल हेल्थ और हाइजिन पर ध्यान देने की सलाह भी दी। वर्कशॉप के बाद उन्हें अपने दैनिक जीवन में अधिक स्वच्छ अप्रोच अपनाने में सहायता के लिए वन.ऑन.वन काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया गया।

इस अनूठे कोलैब्रेशन के बारे में बोलते हुए कोटो की को.फाउंडर अपर्णा आचरेकर ने कहा, इस पहल का उद्देश्य महिला कारीगरों को सामाजिक अपेक्षाओं और घरेलू जिम्मेदारियों से उबरने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे उन्हें अपनी चिंताओं, विचारों और आकांक्षाओं को व्यक्त करने का आत्मविश्वास मिलता है। उन्हें हेल्थ और हाइजीन प्रैक्टिस, मुख्य रूप से सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक करके हम सेल्फ.अवेयरनेस की भावना को बढ़ावा देते हैं और उन्हें अपने बेहतर स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। प्रत्येक वर्कशॉप के बाद काउंसलिंग सेशन के माध्यम से प्रतिभागी अपने नए पाए गए ज्ञान को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं।

इस कोलैब्रेशन के प्रभाव पर चर्चा करते हुए सिरोही की फाउंडर गौरी मलिक ने कहा, हमारा मानना है कि यह पार्टनरशिप हमारी महिला कारीगरों को दुनिया को एक नए तरीके से देखने में मदद करेगी। वे हेल्थ और हाइजीन के महत्व के बारे में जानेंगी और सर्वाइकल कैंसर सहित इन विषयों के बारे में अन्य महिलाओं को शिक्षित करने में सक्षम होंगी। वर्कशॉप महिला कारीगरों को सार्थक बातचीत करने का अवसर देगी जो उन्हें अपनी कम्युनिटी में लीडर बनने के लिए इंस्पायर और मोटिवेट करेगी। आज का सेशन सफल रहा और दोनों पक्ष वर्कशॉप के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थे, यह एक सकारात्मक संकेत है कि परिवर्तन संभव है।

ज़ीलैब्स के फाउंडर रोहित मुकुल ने कहा, हम इस पहल का हिस्सा बनने और आज हेल्थ कैंप और आवश्यक मेडिकल किट के वितरण के माध्यम से मेडिकल सपोर्ट प्रदान कर उत्साहित हैं। यह देश में ग्राउंड लेवल पर क्वालिटी मेडिसिन पहुंचाने और चिकित्सा आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के ज़ीलैब के प्रयास के अनुरूप है।