अवैध कालोनियां को ध्वस्त करने पहुंचे अधिकारियों से भिड़े बिल्डर

अवैध कालोनियां को ध्वस्त करने पहुंचे अधिकारियों से भिड़े बिल्डर

दी न्यूज एशिया समाचार सेवा

अवैध कालोनियां को ध्वस्त करने पहुंचे अधिकारियों से भिड़े बिल्डर

एमडीए की टीम एक कॉलोनी को ध्वस्त करने के विरोध के चलते  वापस लौटी

मेरठ।   बुधवार को  भावनपुर में अवैध कॉलोनियां ध्वस्त करने पहुंचे एमडीएम की टीम से बिल्डर भिड़ गए। उन्होंने कॉलोनी के गेट पर अधिकारियों को रोक दिया। हंगामा बढ़ने पर एमडीए की टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाया। जिसके बाद टीम कॉलोनी के अंदर पहुंची। लेकिन टीम एक कॉलोनी को ध्वस्त करने के बाद वापस लौट गई। जिन बिल्डर ने टीम का विरोध किया है। उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

बुधवार को एमडीए  की टीम फिर एक बार अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने के लिए पहुंची सबसे पहले  एमडीए  की टीम ने सतीश मावी की अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाया। मावी के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के बाद एमडीए  की टीम दारा सिंह प्रजापति की अवैध कॉलोनी को ध्वस्त करने के लिए पहुंची। लेकिन मौके पर पहले से ही दारा सिंह ने सोशल मीडिया पर अहवान कर सैकड़ों लोगों को एकत्रित किया हुआ था। इस दौरान अवैध कॉलोनी पर जमा पब्लिक भाजपा के झंडे का व  तिरंगा के नारे लगा रही थी। कार्यवाही करने के लिए भारी पुलिस बल भी एमडीए  की टीम के साथ मौजूद था।

 बता दें  बिल्डर सतीश मावी और दारा सिंह प्रजापति ने राली चौहान गांव में एग्रीकल्चर जमीन सस्ते दामों पर खरीद ली। इसके बाद उन्होंने बिना मानचित्र स्वीकृत कराए कॉलोनी बना दी। अब दोनों बिल्डर लाखों रुपए में प्लॉट बेच रहे हैं। जिसकी शिकायत एमडीए में की गई। दस दिन पहले एमडीए की टीम कॉलोनी ध्वस्त करने के लिए गई थी। तब बिल्डर ने विरोध करते हुए टीम के साथ अभद्रता की थी। जिस वजह से उन्हें वापस जाना पड़ा था।

इस संबंध में एमडीए की और से भावनपुर थाने में बिल्डर के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, धमकी व मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया हैं। अल्टीमेटम देने के बाद बुधवार को टीम दोबारा कॉलोनी पहुंची। इस दौरान टीम ने सतीश मावी की शिव कुंज कॉलोनी ध्वस्त कर दी। विरोध प्रदर्शन की वजह से दारा सिंह की कॉलोनी से टीम वापस लौटना पड़ा।

प्रजापति समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए दारा सिंह के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन किया गया था। लेकिन पुलिस ने दारा सिंह को तब भी गिरफ्तार नहीं किया। जिस वजह से उसके हौसले और बढ़ गए। एमडीए की टीम को देखकर दारा सिंह ने कॉलोनी में बड़ी संख्या में ग्रामीणों को इकट्ठा कर दिया।बिल्डर के परिवार व कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि खरीद-फरोख्त की रजिस्ट्री एमडीए से होती है। जब कॉलोनी अवैध है तो जनता के साथ क्यों खिलवाड़ किया जाता है। जब कॉलोनी बनती हैं, तब एमडीए की टीम क्यों नहीं आती हैं।