मेरठ से भानु प्रताप सिंह सपा प्रत्याशी घोषित

मेरठ से भानु प्रताप सिंह सपा प्रत्याशी घोषित

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

मेरठ से भानु प्रताप सिंह सपा प्रत्याशी घोषित

पुराने चेहरों को छोड़ नए पर चला पार्टी ने दाव

मेरठ।मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया है। पार्टी ने पुराने चेहरों में छिड़ी टिकट की आपसी खींचतान के बीच एक नए चेहरे को प्रत्याशी बनाकर सभी को चौंका दिया है। एडवोकेट भानु प्रताप सिंह चुनावों में ईवीएम मशीन हटाओ अभियान चला रहे हैं। सपा ने मेरठ से दलित प्रत्याशी को उतारकर भाजपा और बसपा दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

 शुक्रवार को ही लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। बैठक में संभावित प्रत्याशियों को भी बुलाया गया था। इसमें किसी को भनक नहीं थी कि पार्टी इस तरह किसी प्रत्याशी को बाहर से ला सकती है।शुक्रवार को प्रत्याशी के नाम की घोषणा को लेकर सपा पार्टी मुख्यालय लखनऊ में बैठक थी। लखनऊ में मेरठ से वर्तमान किठौर विधायक शाहिद मंजूर, सरधना विधायक अतुल प्रधान, शहर विधायक रफीक अंसारी, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, पूर्व सांसद हरीश पाल के बेटे नीरज पाल, जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, अमरोहा से सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े मुखिया गुर्जर, आकिल मुर्तजा, शहर महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी का नाम चल रहा है। सभी ने टिकट पर अपनी दावेदारी जताई। लेकिन पार्टी ने सभी दावेदारियों को दरकिनार करते हुए आखिरकार  भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया।

दोनों विधायकों ने याद दिलाया नेताजी संग पुराना साथ

पूर्व विधायक योगेश वर्मा, मुखिया गुर्जर भी टिकट की दावेदारी ठोंक रहे थे। पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर पार्टी से अपने पुराने रिश्तों और अनुभवों के आधार पर टिकट मांग रहे थे। रफीक अंसारी भी पार्टी के पुराने नेता होने की बात कहकर मजबूत दावेदारी कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव के समय से दोनों नेता सपा से जमीनी रूप से जुड़े हैं। उन्हीं संबंधों और मुस्लिम चेहरा होने के कारण टिकट मांग रहे थे। चर्चा ये भी है कि सपा पहले ही तय कर चुकी थी कि सिटिंग एमएलए को टिकट नहीं देगी, इसलिए किसी भी विधायक के आवेदन पर विचार नहीं हुआ। जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी सहित अन्य चेहरे भी मजबूत दावेदार नहीं थे।

प्रोफाइल

नाम-भानु प्रताप सिंह

पिता: पदम सिंह, रिटायर्ड एडीजे दिल्ली, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीति में सक्रिय रहे और चुनाव भी लड़ा।

शिक्षा: बुलंदशहर प्राइमरी स्कूल से आठवीं, बुलंदशहर जीआईसी से स्कूलिंग, मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ कॉलेज से 1993 में लॉ की पढ़ाई पूरी की है।

प्रोफेशन: सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट

निवास: मूल रूप से बुलंदशहर से ताल्लुक रखने वाले भानु प्रताप सिंह इन दिनों राजेंद्र नगर साहिबाबाद में रहते हैं।

राजनीति प्रोफाइल: राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

खास पॉइंट:ईवीएम हटाओ अभियान चलाया था। 13 अप्रैल 2022 को जहां जहां बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती थी वहां उन्होंने ईवीएम हटाओ अभियान चलाया था। ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने वाले एडवोकेट हैं। प्रेसवार्ता कर ईवीएम के खिलाफ खुलासा किया था। लखीमपुर खीरी कांड में शहीद किसानों की अंतिम अरदास में भी पहुंचे थे।

क्यों मिला टिकट

 लगातार ईवीएम मुद्दे को लेकर फायर हैं। पीडीए को मजबूत करने के लिए सपा ने यहां दलित चेहरा उतारा है। दलित समाज के उत्पीड़न की लगातार घटनाएं, दलितों का शोषण जैसे मामलों में दलित वर्ग के साथ खड़े होने का संदेश देते हुए सपा ने यह डिसीजन लिया है। मेरठ में सपा में नेताओं में अंदरुनी कलह चल रही थी, जिसकी शिकायतें लगातार मिल रही थी। उसको देखते हुए भी अखिलेश यादव ने यह डिसीजन लिया है।

 इनकाे मिला टिकट 

  बिजनौर से यशवीर सिंह ,नगीना से मनोज कुमारअलीगढ‍़ , हाथरस से जसवी वाल्मिक, लालगंज से दरोगा सरोज, भदोही से तृणमूल कांग्रेस