मेरा शहर मेरी पहल व ग्लोबल सोशल कनेक्ट सेवा ने किया जनजागरण

मेरा शहर मेरी पहल व ग्लोबल सोशल कनेक्ट सेवा ने किया जनजागरण

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

मेरठ। 

आज दिनांक 17 जुलाई, 2022 को भूजल सप्ताह के अंतर्गत, मेरा शहर मेरी पहल एवं ग्लोबल सोशल कनेक्ट के सयुंक्त तत्वाधान में भूजल संरक्षण एवं  भूजल संग्रहण हेतु जेल चुंगी चौराहे पर दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक किया और शपथ दिलाई।
ऋचा सिंह ने अपने संबोधन में विश्वव्यापी समस्या एवं भूजल के गिरते स्तर पर प्रकाश डाला और बताया कि पानी का स्तर निरंतर न्यूनतम होता जा रहा है यदि इस समस्या पर ध्यान न दिया गया तो आने वाली पीढ़ी के लिए विकट समस्या का सामना करना पड़ जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर जल संरक्षण एवं संग्रहण के लिए कार्य करना पड़ेगा।
 पुराने समय में वैवाहिक संस्कार के समय भी माएँ कूए पर बैठती थी और उसकी पूजा करती थी, बच्चों के जन्म पर भी कुआं पूजन होता था और यह सब इसीलिए कि लोग जल को देवता की तरह पूजें और जल की महत्ता को समझें । आगे आने वाला समय, अगर हम अभी भी नही चेते तो, इसके इतने दुष्परिणाम नजर आएंगे की हम बूंद बूंद पानी को तरसेगे । 
अंकुश चौधरी  ने बताया कि भारत जनसंख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। पीने के पानी की कमी होती जा रही है, हमें मिल-जुलकर पानी बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा । 
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों की औसत वर्षा पर नजर डालें तो शुरू के 5 वर्षों की वर्षा का औसत 854.44 मिमी था, जबकि बाद के 5 वर्षों का औसत केवल 628.16 मिमी है अर्थात बारिश में भयंकर कमी आई है*. मेरठ जिले में 1118 तालाब विलुप्त हो गए हैं, जबकि बचे 1944 तालाबों में से 1229 में ही पानी है. 2086 कुओं में से मात्र 545 में ही पानी बचा है, वह भी अत्यंत प्रदूषित है। नहरों के पानी में कमी आई है और भूमिगत जलस्तर तेजी से गिर रहा है । 


विपुल सिंघल  कोऑर्डिनेटर एम.सी.एम.आई. ने कहा कि जहां एक ओर पानी के विभिन्न स्रोतों में निरंतर गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर पानी की अत्यधिक आवश्यकता वाली फसलों और नलकूपों के फैलते जाल के कारण पानी का दोहन अप्रत्याशित दर से बढ रहा है । उनके अनुसार यदि सब अपने-अपने स्तर पर जल बचाने के लिए घर के आस-पास लोगों को जागरूक करेंगे तो यह छोटा सा कदम समाज में नया बदलाव ला सकता है। रोजनदारी पर जाते  मजदूरों से निवेदन किया गया कि किसी भी भवन के निर्माण में पानी की बर्बादी को रोकने का प्रयास करें । जब तक आवश्यकता न हो सबमर्सिबल पंप न चलाये। बहुत से समय मज़दूर पानी पीने अथवा सिर्फ हाथ धोने के लिए सबमर्सिबल  पंप चला लेते है , पानी पीने व छोटी आवश्यकता के लिए घड़े का प्रयोग करने को समझाया गया।
सभी जनों ने प्रण लिया कि पानी की हर बूंद को बचाएँगें एवम अपने आस पास के लोगों को जल संरक्षण एवं संग्रहण के लिए प्रेरित करेंगे। 
अंत मे सभी सदस्यों ने अपनी पौधारोपण की मुहिम को जारी रखते हुए 10 फलदार पौधे   लगाए जिसमें नन्ही ईहा दीक्षित , सोनू दीक्षित आदि ने भी साथ दिया । 


कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्लोबल सोशल कनेक्ट की अध्यक्षा ऋचा सिंह , मेरा शहर मेरी पहल के कोऑर्डिनेटर अंकुश चैधरी , कोऑर्डिनेटर विपुल सिंघल , रविंदर पधान , कुशाग्र चौधरी आदि का विशेष सहयोग रहा।