संकेतों व लक्षणों के आधार पर गर्भवती महिलाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करें -डा अमित उपाधाय 

संकेतों व लक्षणों के आधार पर गर्भवती महिलाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करें -डा अमित उपाधाय 

दी न्यूज एशिया समाचार सेवा |

संकेतों व लक्षणों के आधार पर गर्भवती महिलाएं स्त्री

रोग

विशेषज्ञ से सम्पर्क करें -डा अमित उपाधाय 

गर्भधारण से तीन -तीन महिने के अंतराल पर आवश्यक कराए जांच 

 मेरठ। विश्व प्रीमेच्योरिटी डे पर न्यूटिमा हाॅस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा विश्व प्रीेमेच्योरिटी डे का मकसद समय से पहले जन्म लेने वाले प्री मेच्योर शिशुओं और प्री मेच्योरिटी के मामले रोकने के लिए गर्भवती की देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करना है। 

 मीडियां को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्री मेच्योरिटी की राष्ट्रीय दर सात से दस प्रतिशत है। प्रीे मेच्योर बेबी होने का कारण गर्भवती में खून की कमी, सकंमण और जुडवा बच्चे, समय से पूर्व प्रसव होने के प्रमुख कारण है। रोकथाम के लिए गर्भवतली की देखभाल पर जोर देना जरूरी है। उन्होंने बताया अस्पताल में अब तक एक हजार अधिक प्री मेच्योर बेबी आ चुका है। जिनका सफलता पूर्वक उपचार किया गया है। उन्होंने बताया वर्तमान में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। अब प्री मेच्योर में गर्भवती को घबराने की जरूरत नहीं है। अब ऐसे नवजात का उपचार संभव है। बस सिफ और सिर्फ पेशन रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया समय से पूर्व जन्म लेने वाले नवजात शिशु कम वजन के होते है। अंग न विकसित होने ओर फेफेडे अत्यंत कमजोर होने की शिकायत के लिए हाई फ्रीक्वेंसी वेंटीलेटर्स की आवश्यकता पडती है। मेडिकल उपचार के बाद घर में भी इनकी विशेष देखभाल करनी पडती है। ऐसे नवजात शिशुओं की एक साल तक संक्रमण के हर खतरे से बचाना बेहद जरूरी है। 

 इस दौरान डा अमित उपाध्याय ने ऐसे मरीजों के बारे में बताया जिनको प्री मेच्योर बेबी हुए थे। सभी मरीजों ने  बताया उनके बेबी पूरी तरह स्वस्थ्य है। उन्होंने आम जनता का सलाह दी है। प्री मेच्योर  शिशु होने पर घबराने की आवश्यता नहीं है। सरकारी व प्राइवेट में काफी सुविधा है। उन्होंने कहा गर्भवती महिलाएं समय समय  पर खून की जांच कराएं। खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन की गोली का सेवन करें। इसमौके पर हास्पिटल के निदशेक डा संदीप गर्ग मौजूद रहे।