सफेद दाग लाइलाज नहीं है : डा. किरण

सफेद दाग लाइलाज नहीं है : डा. किरण

सफेद दाग लाइलाज नहीं है : डा. किरण

 दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

समय रहते इलाज कराया जाए तो काफी हद तक बीमारी पर काबू किया जा सकता है
 मेरठ,4 अगस्त 2022। सफेद दाग (विटिलिगो) लाइलाज बीमारी नहीं है। समय रहते इसका उपचार कराया जाए तो काफी हद तक इससे छुटकारा मिल सकता है। जागरूकता के अभाव में लोग इसे कुष्ठ रोग समझ लेते हैं और इलाज से बचते हैं। जबकि दोनों बीमारियां अलग-अलग हैं। क्लीनिकल जांच के बाद रोग की पुष्टि होने पर इलाज कराया जा सकता है। यह कहना है सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) परीक्षितगढ़ की त्वचा विशेषज्ञ चिकित्सक डा. किरण सक्सेना का।
 डा. किरण ने बताया - इस बीमारी का शिकार 10 से 20 साल के 70 फीसदी लोग हैं। बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी का जोखिम भी कम हो जाता है।सफेद दाग की बीमारी अलग -अलग कारणों से हो सकती है। इसमें में मिलावटी खाद्यपदार्थ, आनुवांशिक कारण शामिल हैं। यह बीमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली में गड़बड़ी से भी होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के अधिक सक्रिय होने पर बाहर की चीजों से लड़ने के बजाय शरीर के अंदर ही सेल्स व्यवधान डालना शुरू कर देते हैं। शरीर में  रंग बनाने वमिलाने वाली मेलेनिन कोशिकाओं के नष्ट होने से यह बीमारी शुरू हो जाती है।
 सफेद दाग के लक्षण
 सफेद दाग होने पर प्रभावित हिस्से की त्वचा का रंग बदलने लगता है। सफेद दाग जल्दी दिखाई देने लगता है। कुछ दिनों तक छोटा दाग बड़ा होने लगता है। आमतौर पर सफेद दाग बगल, किसी पुरानी चोट की जगह,धूप में जाने वाले हिस्से पर, तिल-मस्से के आसपास पलकों के पास और बालों वाले हिस्से पर हो सकता है।
 यह है उपाय
 डा. किरण ने बताया सफेद दाग के कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जिसमें नीम की पत्ती का पेस्ट सबसे लाभकारी है। अगर उसका पेस्ट बनाकर सफेद दाग वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे खून साफ होने के साथ सफेद दाग के साथ त्वचा के कई रोग समाप्त हो सकते हैं। बथुआ का प्रयोग खाने में करने से सफेद दाग से छुटकारा मिल सकता है। इसके अतिरिक्त पपीता, हल्दी, तुलसी के पत्ते सफेद दाग को समाप्त करने के आयुर्वेदिक उपाय हैं।
 सफेद दाग होने के कारण  
 त्वचा का अपना कोई रंग नहीं होता है, क्योंकि वह अपना मेलेनिन खो देती है। कई बार त्वचा का रंग बनाने वाली कोशिकाएं जिन्हें हम मेलानोसाइट्स के रूप में जानते हैं, नष्ट होने लगती है। इसके कारण शरीर विषाणुओं पर हमला करने के बजाय त्वचा खुद की कोशिकाएं पर चालू कर देती है।
सफेद दाग का इलाज समय रहते संभव है इसकी वजह से मरीज अक्सर डिप्रेशन, स्टिग्मा आदि में पहुंच जाते हैं । अगर समय रहते इसका उपचार कराया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।
डा.  किरण सक्सेना, सीएचसी परीक्षितगढ़