मेरठ मेट्रो के लिए बनेंगे 12 स्‍टेशन, जानें क्या-क्या होंगी खासियतें ओर कब होगी शुरुआत

मेरठ मेट्रो के लिए बनेंगे 12 स्‍टेशन, जानें क्या-क्या होंगी खासियतें ओर कब होगी शुरुआत

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

मेरठ। मेरठ शहरवासियों के लिए खुश खबर है। शहर के अंदर आवागमन आसान करने के लिए मेट्रो की सेवा जल्द ही मिलने वाली है। निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लोगों को आने जाने में सहूलियत हो इसलिए मेट्रो सेवा दो चरणों में बांट दी जाएगी। पहले चरण की मेट्रो फरवरी 2024 में शुरू हो जाएगी जबकि दूसरे चरण की मेट्रो 2025 में चलेगी। शहर में यह रैपिड रेल के कारिडोर पर चलेगी। इसका संचालन भी वही कंपनी करेगी जिसके जिम्मे रैपिड रेल रहेगी।

मेट्रो संचालन के चरण
प्रथम चरण : भूड़बराल से ब्रह्मपुरी स्टेशन (ट्रांसपोर्टनगर) तक – इस चरण में मेरठ साउथ (भूड़बराल), परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर (दैनिक जागरण चौराहा) और ब्रह्मपुरी हैं।

दूसरा चरण : ब्रह्मपुरी से आगे मोदीपुरम तक – इस चरण में मेरठ सेंट्रल (फुटबाल चौक), भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस, डोरली, मेरठ नार्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो।

जल्द सामने आएगी मेट्रो की डिजाइन
रैपिड रेल की डिजाइन ही नहीं बल्कि पूरी रेल ही आ चुकी है। उसका दुहाई डिपो में ट्रायल चल रहा है। जल्द ही मेरठ मेट्रो की भी डिजाइन सामने आएगी। यह तीन डिब्बों की होगी, जिसे लाइट मेट्रो कहा जाता है। रैपिड रेल की तरह मेट्रो का निर्माण भी गुजरात के सावली में होगा।

आधे घंटे में मेरठ से पहुंचेंगे दिल्ली
वहीं आपको बता दें कि मेरठ से दिल्ली-गुड़गांव में नौकरीपेशा वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबर है। अभी तक रैपिड ट्रेन आपको ये सुकून दे रही थी कि मेरठ के मोदीपुरम से दिल्ली के सराय काले खां तक 55 मिनट में पहुंच जाएंगे। लेकिन यही रैपिड ट्रेन एक और राहत देने जा रही है। सहूलियत ये मिलेगी कि मेरठ से सराय काले खां तक सिर्फ आधे घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा।

सीधे सराय काले खां तक
इसके लिए मेरठ से दिल्ली के बीच नान स्टाप रैपिड ट्रेन चलाई जाएगी। ये ट्रेन बेगमपुल या फिर दैनिक जागरण चौराहे स्थित शताब्दी नगर स्टेशन से सीधे सराय काले खां तक या फिर आनंद विहार तक चलाई जाएगी। ये ट्रेन इसके बीच पड़ने वाले किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकेगी। 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली रैपिड ट्रेन के लिए अध्ययन शुरू हो गया है। मेरठ और दिल्ली के किस स्टेशन से इसे शुरू और समापन किया जाए ताकि आधे घंटे में ट्रेन पहुंच सके।