युवती ने जिसके लिए छोड़ा धर्म, उसी ने उतारा मौत के घाट, जाने पूरा मामला

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युवती ने जिसके लिए छोड़ा धर्म, उसी ने उतारा मौत के घाट, जाने पूरा मामला

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

जहां मड़ियांव की इशरत परवीन भी आती थी। प्रशिक्षण के दौरान दोनों में मोहब्बत हो गई। 

लखनऊ, लखनऊ के मड़ियांव की रहने वाली इशरत परवीन ने मोहब्बत में धर्म बदला और जीवन भर साथ निभाने के वादे पर सोनी तिवारी बन गई। लेकिन उसे इसका तनिक भी अंदाजा नहीं था कि जिस पुष्पेंद्र तिवारी को अपना सबकुछ मानकर उसने अपने वजूद से समझौता किया है वो ही उसका कातिल निकलेगा। इस साजिश में पुष्पेंद्र ने अपने छोटे भाई गोविंद तिवारी व दोस्त सूरज वर्मा की मदद ली। दृश्यम फिल्म देखकर शातिर पुष्पेंद्र ने खुद को बचाने के लिए सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन लगातार बयान बदलने के चलते पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने गुपचुप तरीके से हत्याकांड का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को जेल भेज दिया। प्रभारी निरीक्षक सुशांत गोल्फ सिटी शैलेंद्र गिरी के मुताबिक, मूलरूप से गोंडा के छपिया स्थित मसकनवा का रहने वाला पुष्पेंद्र तिवारी उर्फ शुभम 2019 में मड़ियांव के एक जिम में ट्रेनर था, जहां मड़ियांव की इशरत परवीन भी आती थी। प्रशिक्षण के दौरान दोनों में मोहब्बत हो गई। कुछ दिन साथ रहने के बाद पुष्पेंद्र सोनी को लेकर चल आया।।वहां धर्म व नाम बदलकर सोनी तिवारी बनी और आर्य समाज मंदिर में शादी की। करीब छह महीने बाद कोरोना संकट आया तो दोनों लखनऊ लौट आए। जिम बंद होने के चलते पुष्पेंद्र बेरोजगार हो गया। इस बीच पुष्पेंद्र मड़ियांव में किराये का मकान छोड़कर गुडंबा के आदिलनगर में किराये पर रहने लगा, जहां इशरत उर्फ सोनी भी उसके साथ रहती थी।

रोजगार की तलाश में काफी दिन भटकने के बाद पुष्पेंद्र ने करीबियों के सहयोग से मसकनवा गांव के बाजार में जिम खोल लिया। वह बीच-बीच में लखनऊ आता था। इसे लेकर सोनी से तकरार होने लगी। इस पर परिजनों ने अलग होने की सलाह दी, लेकिन पुष्पेंद्र ने मना कर दिया। इस बीच पुष्पेंद्र को शक हुआ कि सोनी का किसी दूसरे युवक से संबंध हो गया है।

इसके बाद ही उसने हत्या की साजिश रची और भाई गोविंद को इसमें शामिल किया। पहले तो वह नहीं माना, लेकिन जब पुष्पेंद्र ने दृश्यम फिल्म दिखाई तो तैयार हो गया। पुलिस ने इसकी पुष्टि पुष्पेंद्र व गोविंद के व्हाट्सएप चैटिंग से की है। पुलिस के मुताबिक, हत्या में शामिल तीनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की गई। खदरा निवासी सूरज वर्मा ने कुबूला कि दोस्ती के चलते पुष्पेंद्र का साथ दिया। बताया कि गैराज में पड़ी पुष्पेंद्र की कार की मरम्मत के लिए सूरज ने अपनी बाइक गिरवी रखकर 15 हजार रुपये जुटाए थे।

आरोपियों ने कुबूला कि वारदात आदिलनगर वाले किराये के मकान में दो सितंबर को तड़के चार बजे के करीब अंजाम दी। इससे पहले शाम को सूरज अपनी स्कूटी से गोविंद को लेकर पहुंचा और एक दोस्त के यहां रुके। साजिश के तहत पुष्पेंद्र ने दरवाजा खोलकर दोनों को कमरे में दाखिल कराया। इसके बाद गोविंद ने सो रही सोनी का पैर व सूरज ने हाथ पकड़ लिया। सोनी कुछ समझ पाती इससे पहले ही पुष्पेंद्र ने तौलिये से उसका मुंह दबाकर मार डाला। जमीन पर शव को बैठने की मुद्रा में रखकर ऊपर से बोरी डालकर बांधा और कार की पिछली सीट पर डाल दिया। इसके बाद सूरज स्कूटी से और दोनों भाई कार से निकल गए। बहराइच के पास घाघरा नदी में शव फेंका और लौट आए।

पुलिस के मुताबिक, आदिलनगर में पुष्पेंद्र के घर के पास एक अस्पताल है। इसके सीसीटीवी कैमरे में तीनों बोरी लेकर आते और कार में रखते साफ दिख रहे हैं। इसके बाद टेढ़ी पुलिया और मुंशी पुलिया के कैमरों में तीनों के साथ जाने की तस्वीरें कैद हुईं। फुटेज के अनुसार, अगली सीट पर गोविंद बैठा था और पुष्पेंद्र कार चला रहा था। शव ठिकाने लगाने के बाद प्लासियो मॉल पहुंचे और खुद को बचाने के इरादे से सीसीटीवी में खुद को कैद कराया। इसके बाद सोनी का मोबाइल झाड़ियों में फेंक दिया। इस बीच दिल्ली में रहने वाले सोनी के एक दोस्त ने कॉल की। रिसीव न होने पर पुष्पेंद्र से संपर्क किया तो उसने बताया कि सोनी अपने प्रेमी संग भाग गई है।

पुष्पेंद्र ने छह सितंबर को सोनी की गुमशुदगी की तहरीर दी। पुलिस ने पूछताछ की तो लगातार बयान बदलने लगा। संदेह होने पर पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन निकाली। फिर पुष्पेंद्र व सूरज को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसके बाद गोविंद को गोंडा से हिरासत में लिया। रास्ते में हुई कड़ाई से पूछताछ में उसने पूरी वारदात उगल दी। इसका वीडियो दिखाने पर पुष्पेंद्र व सूरज की भी हिम्मत टूट गई और दोनों ने जुर्म कुबूल कर लिया। इसके बाद निशानदेही पर पुलिस ने सोनी का मोबाइल बरामद कर लिया। प्रभारी निरीक्षक सुशांत गोल्फ सिटी शैलेंद्र गिरी के मुताबिक, इशरत परवीन उर्फ सोनी तिवारी के भाई वजाहत हुसैन से दूसरी तहरीर लेकर गुमशुदगी के केस को हत्या में तब्दील किया गया। इसके बाद मामले को गुडंबा थाने में ट्रांसफर कर दिया गया।