भारत बन जाएगा 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था , ये देश रह जाएंगे पीछे

india

भारत बन जाएगा 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था , ये देश रह जाएंगे पीछे

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

एसबीआई के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट ने बताया है कि दिसंबर 2021 में यूके को पछाड़कर भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। 2029 तक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में तेजी के साथ बढ़ रही है। 2014 के बाद किए गए संरचनात्मक बदलावों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था, यूनाइटेड किंगडम को पछाड़कर अब दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इन्हीं बदलावों के साथ मौजूदा विकास दर के हिसाब से भारत 2027 में जर्मनी और 2029 तक जापान से बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ये सभी बातें एसबीआई द्वारा जारी एक रिसर्च रिपोर्ट में कही गई हैं।

एसबीआई के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट ने बताया है कि दिसंबर 2021 में यूके को पछाड़कर भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। 2029 तक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में सात पायदान की बढ़त होगी। 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रैंकिंग 10 वीं थी।

एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, सौम्या कांति घोष ने कहा कि वर्तमान वृद्धि दर के मुताबिक भारत को 2027 में जर्मनी और 2029 में जापान को पछाड़ देना चाहिए। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

तेजी से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 13.5 फीसदी रही है। इस वित्त वर्ष बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश है। वित्त वर्ष 2022 -23 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान वर्तमान में 6.7 प्रतिशत से 7.7 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में अनिश्चितताओं के बीच हमारा मानना ​​है कि 6 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि भारत के लिए ‘न्यू नॉर्मल’ है।

वैश्विक व्यापार में बढ़ेगी हिस्सेदारी
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 3.5 फीसदी तक हो चुकी है, जो 2027 तक 4 फीसदी तक हो सकती है। 2014 यह 2.6 फीसदी थी। फिलहाल अभी जर्मनी की वैश्विक अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 4 फीसदी है।