जनहित फाउंडेशन,अपनी स्थापना से ही जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में काम कर रहा है।

जनहित फाउंडेशन,अपनी स्थापना से ही जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में काम कर रहा है।

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

जल की बूंद- बूंद बचाने के लिए जनहित फाउन्डेशन मेरठ ने मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल में जल संरक्षण कार्यशाला का आयोजन किया।

जनहित फाउंडेशन, 1998 में अपनी स्थापना के से ही जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में काम कर रहा है। वर्तमान में यह इंडिया वाटर पार्टनरशिप और जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से मेरठ के स्कूलों में कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। संस्था की निदेशिका अनीता राणा जी ने बताया, कि मेरठ के हम 35 से अधिक स्कूलों में इन कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे और जल महोत्सव के साथ प्रोजेक्ट का समापन करेंगे। उनकी प्रेरणा से दोनों विद्यालयों में जल एवं भूजल योद्धा बनाये गए।  
 
जल शक्ति अभियान के तहत इस प्रोजेक्ट में आज मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर कार्यशाला का आयोजन किया। जनहित की टीम निपुण कौशिक, अजय कुमार, मनमोहन सिंह और राहुल बिष्ट का मेरठ सिटी पब्लिक स्कूल की उप प्रधानाचार्या श्रीमति वीना अग्रवाल व अध्यापक श्री हेमन्त सिरोही जी ने स्वागत किया और उन्होंने अपने बच्चो को जल योद्धा बनाकर उस क्षेत्र में कार्य करने के लिए उन्हें प्रेरित किया। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञों से सीखने का जो मौका मिल रहा है इसका पूरा लाभ उन्हें उठाना चाहिए।

जनहित फाउंडेशन के सह निदेशक  निपुण कौशिक, जो इन कार्यशालाओं के रिसोर्स पर्सन भी है, उनके द्वारा छात्रों के साथ जल सरंक्षण व जल संचयन विषय पर बातचीत की और उन्हें सरल कार्यान्वयन योग्य समाधान दिए, जिन्हें वे अपनी जीवन शैली में अपना सकते हैं और एक जल कुशल जीवन जी सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओ को जल संरक्षण के लिए सक्रिय भाग लेने की जिम्मेदारी सौपी और कहा कि अगर हम अभी सजग नहीं हुए तो जल को लेकर  गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा। अंत में उन्होंने छात्रों को जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने और संदेश फैलाने के लिए कदम उठाने की शपथ भी दिलाई।

संस्था के वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर अजय कुमार ने बच्चो के साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग के सिस्टम को साझा करते हुए बच्चो को प्रेरित किया कि उन्हें अपने घर पर वर्षा जल संचयन के लिए सकारात्मक कदम लेने चाहिए।