मेरठ ।
दीवान इंटरनेशनल स्कूल में चल रहा समर कैम्प ।
यू तो जून के महीने में सभी स्कूल बन्द हो जाते हैं और बच्चे छुट्टियां मनाने नाना - नानी के घर जाते हैं लेकिन आजकल ट्रेंड बदल चुका हैं तेज रफ्तार ज़िन्दगी में समय के साथ- साथ बच्चो की छुट्टियों बीतने के तरीका भी तेजी से बदल रहा हैं । छुट्टियों को भी पेरेंट्स बच्चो को नई नई चीजें सीखने के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं ।
दीवान इंटरनेशनल स्कूल में किया गया हैं समर कैम्प का आरम्भ, स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय दीवान व गीतिका दीवान ने बताया की समर कैम्प में बच्चे क्रिकेट, स्विमिंग पूल,तैराकी,फुटबाल के अलावा फ्लमेलेस कुकिंग,एडवेंचर एक्टिविटी,पर्सनालिटी डेवलोपमेन्ट,आदि व खेल में अपने मनपसंदीदा गेम्स टीचर से समरकैम्प में अपने गेम्स की कमियों का बारीकियां से पता करते हैं और गेम्स टीचर की मदद से उन्हें दूर करते हैं ।स्कूल की प्रिंसिपल रुचिका शर्मा ने बताया कि समरकैम्प में बच्चे मौज मस्ती करते हैं क्योंकि समरकैम्प मैं केवल गेम्स ही होते हैं पढ़ाई नही । इसलिए बड़ी तादाद में स्कूल के बच्चे इसमें आकर अपना गेम्स इम्प्रूव करते हैं और छुट्टियों का पुरा आनंद लेते हैं ।
स्पोर्ट के हेड ओफ डिपार्टमेंट श्री राजेन्द्र पांडेय ने कहा कि जहां आमतौर पर बच्चो खेलने को केवल एक पीरियड ही मिलता हैं और किस बच्चे में छुपी खेल प्रतिभा का पता ही नही चलता किन्तु वही समरकैम्प में बच्चे कई कई घण्टे अपना पसंदीदा खेल खेलते हैं और उनके गेम्स टीचर भी उन पर पूरा ध्यान देते हैं और बच्चो की खेल प्रतिभा निकल कर सामने आती हैं ।
स्कूल के क्रिकेट कोच जो क्रिकेट में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं आफताब अहमद ने बताया के हर एक पेरेंट्स अपने बच्चे को क्रिकेट सीखना चाहता हैं और उसके बच्चे में छुपी प्रतिभा को जांचने व परखने के लिए समर कैम्प भेज रहे हैं ।उन्होंने बताया के क्रिकेट के बच्चे में ज्यादा क्रेज हैं ।
रोज 15 -20 किलो का बस्ता कंधे पर लादकर ये बच्चे स्कूल आते हैं और पेरेंट्स की उम्मीदों के बोझ को न चाहकर भी झेलते हैं वहां ये एक महीना समर कैंप जैसी एक्टिविटी में बच्चे पूरा आनंद उठाते हैं और ये समरकैम्प बच्चो को स्वस्थ व टेंशन फ्री करता हैं।