मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुयी एब्डोमिनल एओर्टिक अनुरिस्म रिडक्शन सर्जरी

मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुयी एब्डोमिनल एओर्टिक अनुरिस्म  रिडक्शन सर्जरी

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

 पहली बार सेल सेवर मशीन का हुआ प्रयोग

 मेरठ। मेडिकल कॉलेज  के पी एम एस एस वाई ब्लॉक स्थिति कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विभाग ने पहली बार एब्डोमिनल एओर्टिक अनुरिस्म रिडक्शन सर्जरी किया है।
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. रोहित कुमार चौहान व उनकी टीम के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष दहिया, परफ्यूजीनिस्ट विमल चौहान, नर्सिंग ऑफिसर बुशरा खानम और नीता तथा ओ टी इंचार्ज हिमाली ने  पचास वर्षीय  इशरार निवासी जनपद मेरठ का सफल ऑपरेशन कर मेडिकल कॉलेज को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। यह ऑपरेशन कुल 3 घंटे तक चला।

 मीडिया प्रभारी ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में सेल सेवर मशीन का उपयोग किया गया है जो की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली बार हुयी है। इस मशीन की खासियत यह है कि यह मशीन ऑपरेशन के दौरान मरीज के रक्त का नुकसान नहीं होने देती रक्त को छान कर रक्त के अवयव कम्पोनेंट को पुन: मरीज के शरीर मे प्रवेशित कर देती है जिससे मरीज को ऑपरेशन के लिये ब्लड बैंक से रक्त लाने आवश्यकता नहीं पड़ती। निजि अस्पताल में इस ऑपरेशन के खर्च 10 लाख रुपये तक आता है लेकिन मेडिकल कॉलेज मेरठ में सरकारी दरों पर इस ऑपरेशन के कुल खर्च 80 हज़ार रुपये आया है।डॉ रोहित ने बताया इसरार अब स्वस्थ हैं और उनकी छुट्टी कर दी गयी है।
प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने डॉ रोहित और उनकी पूरी टीम के डॉक्टरों को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं साथ ही यह भी आम जनमानस से अपील की है कि कार्डियोथोरेसिक विभाग में सी ओपन हार्ट बाईपास, बीटिंग हार्ट बाईपास, थोरेसिक एवं लंग सर्जरी, वाल्व रिपेयर और रिप्लेसमेंट, जन्मजात हृदय में पाये जाने वाले छेद डिफेक्ट के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है यदि कोई इन बीमारियों से ग्रसित है तो वो स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है।