न्यूटीमा अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन

न्यूटीमा अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का  आयोजन

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

न्यूटीमा अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन

 80 से अधिक लोगों ने  किया रक्तदान

  मेरठ।  कैंट स्थित सेंट मैरिज एकेडमी स्कूल में पुरातन छात्रों की संस्था एक्समा व 1997 के रजत जयंती बैच ने संयुक्त रूप से न्यूटीमा अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया। 

रक्तदान शिविर का शुभारंभ सेंट मेरिज एकेडमी स्कूल के प्रधानाचार्य ब्रदर एडिशन तथा  स्कूल के कर्मचारी रमेश द्वारा फीता काटकर किया गया। सर्वप्रथम ब्रदर एडिशन ने रक्तदान किया तत्पश्चात एक्समा कमेटी के सभी सदस्यों तथा रजत जयंती बैच के सदस्यों ने रक्तदान किया। एक्समा के अध्यक्ष ऐनुद्दीन शाह शाह ने बताया कि कैंप में पुरातन छात्र, स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों, स्कूल के स्टाफ, अध्यापक, वाइस प्रिंसिपल, अन्य कर्मचारी,  दोस्तों , रिश्तेदारों  व शहर के आम नागरिकों ने भाग लेकर रक्तदान किया। रक्तदान शिविर में 80 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया। 

डॉ संदीप गर्ग सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट ने बतलाया कि रक्तदान एक महादान है। रक्तदान कर आमजन किसी भी व्यक्ति की बिना किसी खर्च के जान बचा सकता हैं। नियमित रक्तदान  करने से हार्ट अटैक का खतरा,कैंसर होने का जोखिम कम होता है, लिवर से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है तथा वजन भी कंट्रोल में रहता है।स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने के पश्चात रक्तदान कर सकता है। नियमित रक्तदान करने से , सेहत में सुधार आता  है। रक्तदान करने के बाद किसी की जान बचाने की खुशी दिल और दिमाग़ को अलग  संतुष्टि देती है। 

खून किसी प्रयोगशाला में बनाया नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई ओर विकल्प  नहीं है। यह इंसान के शरीर में ही बनता है। औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी (5-6 लीटर) रक्त होता है, रक्तदान में केवल 1 यूनिट रक्त ही लिया जाता है। कई बार दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को उपचार के समय 20 से 25 यूनिट रक्त की आवश्यकता भी हो जाती है। औसतन एक बार रक्तदान से 3 लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकती हैं। रक्तदान  की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को किसी प्रकार की कोई समस्या नही होती। 18 से 60 वर्ष की आयु तक का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता  हैं। रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर सामान्य पाए जाने पर ही रक्तदान किया जा सकता है। पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्तदान कर सकती हैं।

उपाध्यक्ष विपुल सिंघल ने बतलाया कि रक्तदान करने आए व्यक्तियों का सर्वप्रथम सामान्य ब्लड प्रेशर, तापमान, पल्स, ऑक्सीजन लेवल तथा हीमोग्लोबिन की जांच करने के पश्चात  सही पाने पर रक्तदान करने के उपयोग पाया गया तथा रक्तदान कराया गया। जिन भी सदस्यों ने रक्तदान किया है उनके रक्त की जांच अस्पताल द्वारा की जाएगी ,जिसमें ब्लड ग्रुप, एलिसा टेस्ट फोर्थ जनरेशन एचआईवी, नॉरमल एलिसा एचसीवी, एचबीएसएजी, मलेरिया, सिफलिस बीमारियों की जांच होगी। रिपोर्ट सही ना पाए जाने पर रक्तदाता को उसकी सूचना मोबाइल के द्वारा दी जाएगी ताकि वह अपना उपचार करा सके। रक्त सही पाए जाने पर बीमार व्यक्तियों को समय पड़ने पर  दिया जाएगा। 

निवर्तमान अध्यक्ष नीरज नारंग ने बताया की स्कूल में रक्तदान शिविर लगाने का उद्देश्य बच्चों में बड़े होकर रक्तदान करने की भावना को पैदा करना है, ताकि जब वह बड़े हो तो वह नियमित रक्तदान अपना कर्तव्य समझें और देश के प्रति इस भावना को जागृत रखें। एक्समा संस्था तथा रजत जयंती बैच की ओर से डॉक्टर संदीप गर्ग , डॉक्टर श्वेता गर्ग  तथा डॉक्टर अंशुमन शर्मा को सम्मानित किया गया। न्यूटीम अस्पताल की ओर से सेंट मैरी एकेडमी के प्रधानाचार्य एक्समा  कमेटी तथा 1997 रजत जयंती बैच के सभी छात्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर पुरातन छात्रों की संस्था एक्समा के अध्यक्ष एनउद्दीन शाह, निवर्तमान अध्यक्ष नीरज नारंग,  उपाध्यक्ष विपुल सिंघल, महासचिव अपूर्व गर्ग, सचिव अजय वर्मा, शुभांकर शर्मा, अंकित सिंघल, अभिषेक जैन, अजय अन्थोनी, ललित नौटियाल 1997 रजत जयंती बैच के अंकित सिंघल,राजा बलूनी, सागर अग्रवाल,  पुलकित मित्तल, गौरव कालरा, आकाश अग्रवाल, निशांत जैन, विशु आनंद सहित अन्य लोग मौजूद रहे।