पहचान छिपाने के बाद भी धरा गया तात्रिंक नजाकत अली 

पहचान छिपाने के बाद भी धरा गया तात्रिंक नजाकत  अली 

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

पहचान छिपाने के बाद भी धरा गया तात्रिंक नजाकत अली 

 एसटीएफ ने 50 हजार इनामी को किया गिरफ्तार 

  नजाकत सुरेंद्र बनकर दिल्ली में चला रहा था होटल

मेरठ। सात साल पहले पुलिस कस्टडी से फरार हुए 50 हजारी इनामी तात्रिंत नजाकत अली को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान नजाकत ने कई राज उगले है। फिलहाल एसटीफ की तहकीकात जारी है। 

अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 26 सितंबर 2015 को नजाकत अली उर्फ पप्पू तांत्रिक को पेशी पर लाया गया था। जहां वह पुलिस सुरक्षा से फरार हो गया। नजाकत ने बताया कि वह जो पुलिसकर्मी उसे जेल से पेशी पर लाते थे उनके लिए वह जो मांगते थे उतना पैसा देता था। 50 हजार का इनामी बदमाश नजाकत गोल मार्केट पर अपने भाई से मिलने के लिए आने वाला है। वहीं पर एसटीएफ  मेरठ टीम ने नजाकत को गिरफ्तार कर लिया।

 अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह के अनुसार नजाकत ने बताया कि वर्ष 1998-99 में चौधरी चरण सिंह विविद्य से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। उसके बाद सब्जी मंडी में एक सब्जी की दुकान ली और दो वर्ष तक सब्जी बेचने का काम किया। उसके बाद प्रॉपर्टी का काम करने लगा और टीवी न्यूज चैनल भी चलाता था। उसने बताया कि आजाद न्यूज का जनपद ब्यूरो हेड रहा था। वर्ष 2007 से 2012 तक मोहल्ला रसीदनगर का पार्षद रहा। तभी पहली बार जेल गया। उन्होंने बताया कि जेल जाने के बाद नजाकत ने जमानत के बाद में पैसे कमाने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर तांत्रिक बनकर लोगों को गढ़ा धन निकालने और दोगुना धन करने तथा पुत्र प्राप्ति आदि का लालच देकर लोगों को ठगना शुरु कर दिया। इस ठगी से करोड़ों रुपये की संपत्ति कमाई। वर्ष 2007 में ब्रह्मपुरी के रहने वाले रामकुमार ने एक ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिससे उसने 50 हजार की ठगी की थी। 2007 में ही हरियाणा के हिसार में 4 लाख रुपये की ठगी की थी। वर्ष 2008 में सिपाही इरफान ने सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2013 में राजस्थान में 5 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2013 में लिसाड़ीगेट के रहने वाले बिलाल से झगड़ा हो गया था। जिसमें उसकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में जेल चला गया था। जेल में इसकी मुलाकात दुष्कर्म के आरोपी साकिर से हुई थी।

नजाकत ने बताया कि मैने शाकिर की जमानत करायी। सितंबर 2015 को कोर्ट में पेश होने के बाद उसने पुलिसकर्मियों से सेटिंग की और उनके साथ महामंडलेश्वर राजेन्द्र प्रसाद उर्फ बबलू निवासी फूलबाग कालोनी के यहां गया था। जहां पर 30 साल की प्रेमिका इंतजार कर रही थी। प्रेमिका से मिलने के लिए अलग कमरे में चला गया तथा पुलिस वाले बाहर बैठे थे। नजाकत पीछे वाले दरवाजे से निकल कर साकिर के साथ फरार हो गया।

हर 6 माह में बदल देता था ठिकाना

नजाकत ने बताया कि पुलिस कस्टडी से भागने पर पहले अपने एक परिचित के पास आगरा चला गया था। नजाकत ने बताया कि आगरा में तीन महीने छिपकर रहने के बाद में मामा के लड़के के पास शिमला चला गया। उसके बाद हरियाणा के हिसारए राजस्थान के सीकरए मिर्जापुरए सोनभद्र चला गया।

दिल्ली में सुरेंद्र शर्मा बनकर चला रहा था होटल

नजाकत ने एसटीएफ को बताया कि मैं 2020 में दिल्ली आ गया। दिल्ली आकर रोहिणी के अनुभव अपार्टमेंट में एक फ्लैट अपनी पत्नी नसरीन के नाम खरीदा और संजय शर्मा बनकर इस मकान में रहने लगा।

50 हजार का इनाम जेब में 720 रुपये मिले

नजाकत की तलाश में यूपी एसटीएफ, मेरठ एसओजी, सर्विलांस टीम लंबे समय से पड़ी थी। नजाकत पर 50 हजार का इनाम था। जिस पर पूर्व में एक लाख रुपये के इनाम की संस्तुति शासन को भेजी गई थी। लेकिन इनाम बढ़ नहीं सकता था। जिन दो सिपाहियों को चकमा देकर भागा था वह जेल गये थे। नजाकत के पास से पुलिस ने एक गाड़ी, 720 रुपये बरामद किए हैं। नजाकत अली उर्फ पप्पू पुत्र सफाकत निवासी बनिया वाला खेत रसीदनगर थाना ब्रहमपुरी का रहने वाला है।