मुजफ्फरनगर की पालिका अध्यक्ष बर्खास्त

मुजफ्फरनगर की पालिका अध्यक्ष बर्खास्त

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

मुजफ्फरनगर की पालिका अध्यक्ष बर्खास्त

 कर्तव्य पालन में चूक पर गंवानी पड़ी कुर्सी
मुजफ्फरनगर।
मुजफ्फरनगर जनपद में टिपर वाहनों की आपूर्ति, वॉल पेंटिंग और सीएमओ ऑफिस के पास कचरा एकत्र कराने के कक्ष के निर्माण प्रकरण की जांच में घिर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को पद से हटा दिया गया है। नगर विकास के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने पत्र जारी कर दिया है।
सभासद राजीव शर्मा ने इस मामले की शिकायत की थी। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वॉल पेंटिंग और अन्य कार्यों की शिकायत के बाद जांच कराई गई थी, जिसमें पालिकाध्यक्ष को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया गया था। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी थी। राज्यपाल से अनुमति के बाद चेयरपर्सन को पद से हटा दिया गया है। इससे पहले पिछले दिनों चेयरपर्सन ने इस्तीफे का एलान भी किया था, लेकिन इस्तीफा नहीं दिया था।
गौरतलब है कि दो साल पुराने पालिका के 35 टिपर वाहन खरीद मामले की गूंज लखनऊ तक हुई थी। मई 2020 में नगर पालिका ने 35 गारबेज टिपर वाहन खरीद के लिए टेंडर जारी किए थे। इसके लिए मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल सर्विसेज फर्म को टेंडर स्वीकृत हुआ था। फर्म की ओर से केवल 11 वाहनों की डिलीवरी की गई, जबकि पालिका प्रशासन ने 82 लाख रुपये का फर्म को अग्रिम भुगतान कर दिया।
नियमानुसार और टेंडर की शर्त के आधार पर 35 वाहनों की खरीद सुनिश्चित होने के साथ ही पालिका में वाहनों की आपूर्ति हो जाने पर यह भुगतान होना था। कंपनी के खिलाफ शहर कोतवाली में 82 लाख रुपये का गबन करने के मामले में फर्म और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है।
शासन ने सरकारी संपत्ति को लेकर लापरवाही माना है। इनमें भी चार या पांच टिपर ही प्रयोग किए जा रहे हैं। कंपनी की ओर से निविदा की सभी शर्तों को पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा वॉल पेंटिंग में पालिकाध्यक्ष का नाम लिखवाना और चित्र बनवाने को शासन ने गलत माना है। विज्ञापनों का प्रकाशन भी राष्ट्रीय समाचार पत्रों के बजाए स्थानीय समाचार पत्रों में कराया गया।