मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क
21 दिन तक बुखार,सिरदर्द और कमजोरी रहती है तो बिना देरी किए स्वास्थ्य केन्द्र को दें सूचना : सीएमओ
 विदेश से आने वाले यात्रियों पर रखी जा रही विशेष नजर

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।


 मेरठ, 25 जुलाई 2022। दिल्ली में मंकीपॉक्स का मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। एहतियातन मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में वार्ड तैयार किए गये हैं, जहां पर ऐसे मरीजों को रखा जा सके। मेरठ में अभी मंकीपॉक्स का कोई केस नहीं मिला है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश मोहन ने लोगों से आग्रह किया है कि अगर 21 दिन तक लगातार बुखार, सिर दर्द,  कमजोरी महसूस रहती है, तो बिना देरी किए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें, जिससे उसका उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया-विदेश से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
 सीएमओ ने बताया-कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बरते की जरूरत है, हालांकि मेरठ समेत उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स का कोई मरीज नहीं मिला है। फिर भी एहतियातन स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, और दक्षिण अफ्रीका से आने वाले विदेशी यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। अगर ऐसा कोई मरीज मिलता है तो उसकी जांच के नमूने पुणे भेजे जाएंगे। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि अगर किसी व्यक्ति को 21 दिन तक बुखार रहता है, शरीर पर चेचक जैसे निशान नजर आते हैं तो बिना देरी किए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।
  मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ अशोक तालियान ने बताया जो भी दिशा निर्देश सरकार की ओर से आए हैं, उसी के आधार पर विभाग अलर्ट मोड पर है। उन्होंने बताया जिन देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं, वहां से आने वाले यात्रियों में यदि इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं तो उनके सैंपल पुणे जांच के लिये भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया मंकी पॉक्स एक वायरल जेनेटिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उच्च कटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होती है। कभी-कमी अन्य क्षेत्रों में भी रोग का प्रसार हो जाता है। मंकी पॉक्स में मरीज में बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण पाए जाते हैं। जिनके कारण अनेक जटिलताएं भी हो सकती हैं। इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक प्रदर्शित होते है। मंकीपॉक्स जानवरों से मानवों में या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी फटी त्वचा,सांस या म्यूकोस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है।