इसे क्या कहे I दो पहिया/तीन पहिया या जुगाड़ जाने......

इसे क्या कहे I दो पहिया/तीन पहिया या जुगाड़  जाने......

दी न्युज़ एशिया समाचार सेवा ।

मेरठ ।

मेरठ । रोक सको तो रोक लो । ट्रैफिक नियम का कड़ाई से पालन कराने का मुख्यमंत्री का आदेश/ संदेश धता बताकर ट्रैफिक पुलिस के सामने से रोज इस तरह के वाहन निकलते हैं लेकिन कार्यवाही जीरो । एक और उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस के चालान से आम जनता परेशान हैं यदि कोई अभिवावक अपने बच्चे को किसी मजबूरीवश स्कूल से लेने चला जाए और एक कि जगह दो बच्चे बैठा ले तो 2000 रुपये तक के चालान हमारी ट्रैफिक पुलिस घर भेज देती हैं और रू-15000-25000 तक के चालान भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा किये जा रहे हैं हम यह नही कहते के उनका चालान करना गलत किन्तु ट्रैफिक नियम तो सभी पर एक जैसे लागू हैं क्या ऐसे वाहनो का चालान कर सीज नही  करना  चाहिए ? वही इसको ट्रैफिक पुलिस क्यों नही रोककर चलन करती जो सारे नियम कानून तक पर रख कर चलते हैं । वही ऐसे वाहनो को पेट्रोल पंप वालो को भी पेट्रोल नही देना चाहिए और यदि पेट्रोल पंप ऐसे जुगाड़ वाहनो को पेट्रोल दे तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिये। ये  कहना हैं शहर के समाजसेवी व व्यापार मंत्री विपुल सिंघल का, उनका  ट्रेफिक पुलिस से सवाल हैं के इन वाहन का चालान क्यों नही कटता जबकि ऐसे वाहनो को सीज करना चाहिए। क्या आम जनता भी चालान से बचने के लिए अपने वाहन को इस प्रकार परिवर्तन कर चलाएं। दो पहिया वाहन को तीन पहिया वाहन में तब्दील करने के बाद हेलमेट, आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, प्रदूषण एन ओ सी अथवा किसी भी प्रकार के कागज की आवश्यकता नहीं होती है। 

मेरठ से विपुल सिंघल की रिपोर्ट ।