गुरु बन कर विश्व को सीख दे रहा है भारत- उच्चायुक्त

 गुरु बन कर विश्व को सीख दे रहा है भारत- उच्चायुक्त

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

गुरु बन कर विश्व को सीख दे रहा है भारत- उच्चायुक्त

- माल्टा के उच्चायुक्त  रूबिन गाउची ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय में किया छात्रों से संवाद
मेरठ।
 भारत ने ही सबसे पहले माल्टा को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी। गुरू की भूमिका में विश्व को सीख दे रहा भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आईआईएमटी विश्वविद्यालय में छात्रों से संवाद करते हुए माल्टा के उच्चायुक्त रूबिन गाऊची ने कहा कि भारत और माल्टा के बीच दशकों से सांस्कृतिक, व्यापारिक और शैक्षिक संबंध स्थापित हैं। अच्छे दोस्त की तरह भारत और माल्टा हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े हैं।
माल्टा के उच्चायुक्त  रूबिन गाउची का आईआईएमटी विश्वविद्यालय, गंगानगर में आगमन हुआ। आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगेश मोहनजी गुप्ता ने उच्चायुक्त  का स्वागत किया। कुलाधिपति ने उच्चायुक्त से भारत और माल्टा के बीच स्थापित संबंधों पर चर्चा की। 
छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उच्चायुक्त  रूबिन गाउची ने भारत में स्थापित लोकतंत्र प्रणाली, संस्कृति और भारतीयता का परिचायक बन चुकी सहनशीलता की जमकर प्रशंसा की। उच्चायुक्त महोदय ने कहा कि शोध और विकास के अलावा अनेक क्षेत्रों में भारत तेजी से आगे बढ़ा है और अब गुरू की भूमिका निभा कर विश्व का सीख दे रहा है। भारत और माल्टा के बीच प्रगाढ़ संबंध स्थापित हैं। वर्तमान में 8000 से अधिक भारतीय और 112 भारतीय कंपनियां माल्टा में कार्यरत हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप में से भी अनेक छात्र भविष्य में माल्टा की किसी कंपनी में कार्य करते दिख सकते हैं।
राजनीति में आने से पूर्व शिक्षक रह चुके उच्चायुक्त  ने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए बताया की माल्टा विश्व का 10वां सबसे छोटा देश है। किंतु यह एकमात्र ऐसा देश है जो यूरोपियन यूनियन, कॉमनवेल्थ और शैंगेन का भाग है। फार्मासिटुकल के क्षेत्र में कार्यरत कई कंपनियां अनेक देशों को दवा सप्लाई करती हैं। उत्पादन और पर्यटन माल्टा की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।उच्चायुक्त  ने प्रश्न पूछने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।