जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया खुशहाल परिवार दिवस

जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया खुशहाल परिवार दिवस

दी न्यूज एशिया समाचार सेवा 

जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया खुशहाल

परिवार दिवस


परिवार नियोजन के सुरक्षित साधनों के बारे में जानकारी दी


मेरठ,25 जनवरी 2023 ।  जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया।  इस मौके पर स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों ने एक ओर जहां परिवार नियोजन के सुरक्षित साधनों के बारे में जानकारी दी वहीं यह भी बताने का प्रयास किया कि परिवार नियोजन क्या है ,और परिवार नियोजन अपनाना क्यों जरूरी है।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अखिलेश मोहन ने बताया . परिवार नियोजन को आमतौर पर जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम मान लिया जाता है जबकि ऐसा है नहीं। दरअसल, परिवार नियोजन पूरी प्लानिंग के साथ परिवार पूरा करने का एक कार्यक्रम है। मां व शिशु का अच्छा स्वास्थ्य इस कार्यक्रम का आधार है।
 परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने बताया . जब हम सारे कार्य योजनाबद्ध तरीके से करना चाहते हैं तो परिवार के लिए योजना बनाएं। पहला बच्चा शादी के कम से कम दो साल बाद और दूसरा उसके तीन साल बाद प्लान करेंगे तो मां और शिशु दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इसलिए हर माह की 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन कर इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है और इच्छुक लाभार्थी को परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।  अंतरा इंजेक्शन, पीपीआईयूसीडी आईयूसीडी आदि परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी। 18 महिलाओं ने परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए सहमति जताई। खुशहाल परिवार दिवस के अवसर पर सांझा प्रयास ने परिवार नियोजन और सुरक्षित गर्भपात के बारे में जानकारी दी।
 पीपीआईयूसीडी और आईयूसीडी क्या हैं
 दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने के लिए प्रसव के तुरंत बाद ;48 घंटे के अंदर  गर्भाशय में लगाई जाने वाली डिवाइस को पीपीआईयूसीडी ;पोस्ट पार्टम इंट्रायूटरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस कहते हैं। यह पूरी तरह सुरक्षित है इससे मां. शिशु के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ता। जब भी महिला गर्भधारण करना चाहे तो इसे आसानी से निकलवा सकती है। इसी प्रकार आईयूसीडी भी लंबे तक प्रयोग की जाने वाली परिवार नियोजन विधि है। यह डिवाइस माहवारी के बाद गर्भाशय में लगाई जाती और अपनी इच्छा के मुताबिक इसका प्रयोग रोककर गर्भधारण किया जा सकता है।