रेकिट ने डेटॉल जलवायु अनुकूल स्कूल के शुभारंभ के साथ किया विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

रेकिट ने डेटॉल जलवायु अनुकूल स्कूल के शुभारंभ के साथ किया विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

रेकिट ने डेटॉल जलवायु अनुकूल स्कूल के शुभारंभ के साथ किया विश्व पर्यावरण दिवस मनाया
नोएडा। वैश्विक कंज्‍यूमर हेल्‍थ और हाइजीन कंपनी रेकिट ने डेटॉल स्कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम प्रोजेक्ट के तहत प्लान इंडिया के साथ मिलकर अपने प्रमुख कैंपेन 'डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया' के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पहले डेटॉल जलवायु अनकूल स्कूल का उद्घाटन किया। उत्तरकाशी के अथाली में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्‍कूल उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ में बनाए जा रहे चार स्कूलों में पहला है। उद्घाटन समारोह में अभिषेक रूहेला (जिलाधिकारी, जिला उत्तरकाशी), रवि भटनागर (डायरेक्‍टर, एसओए एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्स, रेकिट), डॉ. सुधीर कुमार उनियाल (प्राचार्य, माध्‍यमिक विद्यालय अथाली, उत्तरकाशी), पद्मेंद्र सकलानी (जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी) आदि उपस्थित थे।
एक्सिक्यूटिव वाइस प्रेजीडेंट (रेकिट साउथ एशिया) गौरव जैन ने कहा, रेकिट में हमारा मानना है कि हम जो भी काम कररते हैं उसे करते हुए जलवायु परिवर्तन का ध्‍यान रखना हमारा कर्तव्य है और हम 2030 तक अपने परिचालनों को 100 प्रतिशत नवीकरणीय बिजली से संचालित करके विश्वस्तर पर 2040 तक नेट जीरो के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उत्तराखंड राज्य में व्यवहार में परिवर्तन लाने और देश के भविष्‍य युवा पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उत्तरकाशी में जलवायु अनुकूल स्कूल की स्थापना एक दीर्घकालिक भविष्य के निर्माण की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। हम उत्तराखंड सरकार का उनके अमूल्य समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं और राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं
उद्घाटन के अवसर पर अभिषेक रुहेला (जिलाधिकारी उत्तरकाशी उत्तराखंड) ने कहा, मैं रेकिट को भारत में जलवायु अनुकूल स्कूल स्थापित करने की इस अनूठी और अपनी तरह की पहली पहल के लिए बधाई देता हूं। यह प्रयास वास्तव में सराहनीय है और इसका अपने आप में काफी महत्व है, क्योंकि हम उत्तरकाशी में इस स्कूल को स्‍थापित कर रहे हैं, जो गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है। यह हमारी पारिस्थिति की पर्यावरण और समृद्ध विरासत का सच्‍चा प्रतिनिधित्व करता है, जो वर्षों से चली आ रही और हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए इसको संभालकर रखना है।
रवि भटनागर (डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स एंड पार्टनरशिप्स रेकिट साउथ एशिया) ने कहा, डेटॉल जलवायु अनुकूल स्कूल प्रोजेक्ट रेकिट का एक प्रयास है जो रिस्पोंड रिपेयर और रिकवर द्वारा अगली पीढ़ी को एक स्थायी और अनुकूल भविष्य बनाने की दिशा में सशक्त बनाता है देव भूमि उत्तराखंड में प्रकृति के उपहार सबसे शुद्ध रूप में मिलते हैं। हमारी पहल युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाएगी जो कि मिशन लाइफ की प्रमुख शिक्षाओं में से एक है, जिससे उन्हें क्‍लाइमेट चैंपियन बनने में मदद मिलेगी। यह पहाड़ों से आने वाले चेंज मेकर्स को सीओपी 28 में अपनी बात रखकर जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने का अवसर देगा।
पहाड़ों की सुंदरता और आस्‍था की प्रतीक पवित्र नदियों के साथ बादलों से ढके हरे भरे वनों की वजह से, उत्तराखंड को पृथ्वी का स्वर्ग कहा जाता है। उत्तराखंड राज्य को विशेष रूप से भूगर्भीय खतरों की वजह से जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील माना जाता है, इन खतरों में ग्लेशियरों का पिघलना, जनसंख्या का बढ़ता दबाव, बार-बार भूकंप आना और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन शामिल है। उत्तराखंड को जलवायु परिवर्तन के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से सुरक्षित व संरक्षित रखने और तैयार करने के लिए, रेकिट का मकसद स्कूलों में यंग चेंज मेकर्स को मिशन लाइफ का ध्वज धारण करने वाले क्‍लाइमेंट चैंपियन के रूप में तैयार करना है। प्रोजेक्‍ट का उद्देश्य कार्बन उत्‍सर्जन को कम करके, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि करके, और छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देकर राज्य में एक स्थायी स्कूल परिवेश तैयार करना है।
ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2021 के अनुसार, भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के मामले में सातवां सबसे संवेदनशील देश है। 2021 में ग्लासगो समिट में, भारत ने लाइफ  मूवमेंट शुरू करके 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्‍य हासिल करने की अपनी प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम उठाया। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए, डेटॉल जलवायु अनुकूल स्कूल लाइफ फ्रेमवर्क के अनुरुप हैं, जो सरकारों, संस्थानों और समाज को संसाधनों का मितव्‍ययी उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, आने वाली पीढ़ी को जलवायु अनुकूल भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जलवायु परिवर्तन शिक्षा देने की आवश्‍यकता है।