जिस प्रकार वेदों का संहिताओं में विभाजन किया गया उसी प्रकार पुराण का भी संहिता में विभाजन किया

जिस प्रकार वेदों का संहिताओं में विभाजन किया गया उसी प्रकार पुराण का भी संहिता में विभाजन किया

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

जिस प्रकार वेदों का संहिताओं में विभाजन किया गया उसी प्रकार पुराण का भी संहिता में विभाजन किया

मेरठ शनिवार को  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के संस्कृतप्राच्यभाषा विभाग में आयोजित व्याससमारोह के चौथे दिन श्रीकालिचरण पौराणिकव्याख्यानमाला शोध संगोष्ठी सांस्कृतिक कार्यक्रम व संस्कृतक विसमवाय का आयोजन किया गया।

 प्रो० सन्तोष कुमार शुक्ल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने वक्तव्य में पुराण को पुराणीविद्या और पाँचवीं विद्या कहा। वेद सर्वप्राचीन है। जिसप्रकार वेदों का संहिताओं में विभाजन किया गया उसी प्रकार पुराण का भी संहिता में विभाजन किया। महर्षि व्यास ने इन संहिताओं को अपने शिष्यों को दिया और उनके शिष्यों ने उन पुराणों का प्रचार.प्रसार किया जो आज भी इस रूप में प्रचलित हैं। प्रो० शुक्ल ने देवी भागवत पुराण पर व्याख्यान देते हुए कहा कि इसके प्रथमस्कन्ध में देवी का परिचय दिया है जिसमें देवी के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि ब्रह्मा विष्णु महेश भी देवी की अर्चना करते हैं। देवी भागवत पुराण में अनेक आख्यान का वर्णन है जिनके सुनने पढ़ने मात्र से सभी प्रकार की मुक्ति प्राप्त हो जाती है। डॉ० सन्तोषकुमारी चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने इस व्याख्यान माला में नर्कुटक हुन्द में श्री कालीचरण जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला तथा कालीचरण जी के योगदान का उल्लेख किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो विश्वनाथ स्वाई ने व्यास जी के चरणो को वन्दना करते हुए देवी भागवत पुराण के महत्व को बताया। उपनिषद वेद पुराण आदि के उद्धरण प्रस्तुत किए।

समारोह के द्वितीय सत्र में शोधसंगोष्ठी का प्रारम्भ हुआ श्री मद्देवी भागवत पुराण पर शोधपत्र प्रस्तुत किए गए जिसमें डॉ० भवानी रामचन्द्रन ने श्री रामस्य देव्याराधनम् डॉ० चन्द्रशेखर मिश्र ने श्रीमद्देवीभागवते प्रकृति डॉ० उमाराहुल ने श्रीमद्देवीभागवत महापुराणे नरकस्वरूपम् डॉ सुमित कुमार ने श्री मद्देवीभागवपुराणे सुद्युम्नकथा कु निशी ने श्री मद्देवीभागवतपुराणे रुद्राक्षमस्तम मोहनलाल ने देविभागवतपुराणे तत्त्वमिति पदविमर्शः  शुभम चौधरी ने श्रीमद्देवीभागवतमहापुराणे श्रीरामजीवनवृत्तम् विषय पर शोधपत्र प्रस्तुत किए। तत्पश्चात् सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें स्थानीय विद्यालय दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार के एल० इन्टरनेशनल स्कूल दयावती मोदी अकादमी दीवान पब्लिक स्कूल मेन ब्रान्च से अनेक छात्र.छात्राओं ने संस्कृत तथा शास्त्रीय गीत नृत्य में प्रस्तुति दी। विभिन्न नाटक नृत्य कथा तथा गायनादि योग पर एक नृत्यनाटिका हुई जिसमें योग की अनेक क्रियाओं का प्रस्तुतीकरण हुआ