बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए ये खुशी की बात :-आनंदीबेन पटेल

बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए ये खुशी की बात :-आनंदीबेन पटेल

दी न्यूज़ एशिया सामाचार सेवा ।

बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए ये खुशी की बात :-आनंदीबेन पटेल

353 विद्यार्थियों को डिग्री व सात को मेडल प्रदान किए गये
 मेरठ। शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विवि में 15वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों को  मेडल देकर सम्मानित किया । दीक्षांत समारोह में 353 विद्यार्थियों को डिग्री सात को मेडल प्रदान किए गये। कृषि विवि में बेटियों की बढ़ती भागीदारी देकर कुलाधिपति गदगद नजर आयी। समारोह में मुख्य अतिथि पदम भूषण प्रो राम बदन सिंह पूर्व कुलाधिपति केंद्रीय  विवि इंफाल एवं पूर्व अध्यक्ष नेशनल अकादमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज नई दिल्ली रहे।


कृषि विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंची कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि खुशी की बात है, बेटियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि यह बात अच्छी लगी कि छात्रों के माता.पिता को भी आमंत्रित किया। उनसे बात करके अच्छा लगा। एक परिवार आंध्र प्रदेश से आया है, ये दिखाता है कि सोच में कितना अंतर आया है। पहले डॉक्टर अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते थे, इंजीनियर अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन आज माता.पिता की सोच बदली है। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश से भी बेटी अपनी पसंद से पढ़ाई करने आ रही हैं। उन्होंने कहा पढ़ना कैसे है, क्या पढ़ना है आप सब जानते हैं।


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आपके अध्यापक में अगर क्वालिटी नहीं है, उनका रिसर्च वर्क बेहतर नहीं है तो कोई भी विश्वविद्यालय आगे नहीं बढ़ सकता है। कृषि के क्षेत्र में भी बेटियां आ रही हैं यह अच्छी बात है। सात.आठ साल में गिनती की लड़कियां कृषि की पढ़ाई में आती थींए लेकिन आज 50 फीसदी लड़कियां कृषि के क्षेत्र में आ रही हैं। यह बड़ा बदलाव है।
डॉ. आरबी सिंह ने कहा कि हर साल सर्दियों के आगमन के साथ ही दिल्ली.एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले लोग निम्न वायु गुणवत्ताए धुंध और सांस की समस्याओं से ग्रसित होते हैं, जो उत्तर भारत के किसानों द्वारा फसल अवशेषों को जलाने के लिए अपनाई जाने वाली एक सामान्य कृषि पद्धति के कारण होता है। हम सालाना लगभग 630 मिलियन टन फसल अवशेष उत्पन्न करते हैंए जिसे किसानों द्वारा अगली बुवाई से पहले जला दिया जाता है। इन अवशेषों को अगर विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधित किया जाए तो मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, पानी की आवश्यकता को कम करनेए जैव विविधता के नुकसान को रोकने और हवा की गुणवत्ता में गिरावट को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से जुड़े लोगों को स्मार्ट कृषि पद्धतियों का समर्थन करना चाहिए।
 जी-20 कॉन्फ्रेंस में विद्यार्थियों को भेजे
 राज्यपाल आंनदी बेन पटेल ने कहा कि भारत जी -20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। इस वर्ष यह सौभाग्य भारत को प्राप्त हुआ है। यूपी के नोएडा,आगरा ,वाराणसी और लखनऊ में दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 के बीच जी २० की चार अहम कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें विदेशी प्रतिनिधि भी आएंगे। विवि ऐसे मेधावी छात्रों की लिस्ट बनाए जो फॉरेन प्रतिनिधि के साथ कम्यूनिकेशन कर सकें।  राज्यपाल ने कहा विवि विदेशी भाषा में माहिर और हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता ,कला ,इतिहास की श्रेष्ठ जानकारी रखने वाले ये छात्र जी -२० की इन बैठक में भाग लें। विदेश प्रतिनिधि को उनकी भाषा में भारतीय कला, सभ्यता, संस्कृति के बारे में बता सकें।  
 सरदार पटेल के पथ पर चलना होगा
राज्यपाल ने कहा कृषि विवि का नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल के बोर मे सभी अच्छी तरह से जानते है। उन्होंने कहा कि जिस महापुरुष के नाम पर विवि बनता है तो उसके पथ पर हमे भी चलना होगा। यह हमारा कर्तव्य है।