डीएवी पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

डीएवी पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक  दिवस

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा।

डीएवी पब्लिक स्कूल में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

36 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों को किया गया सम्मानित
 मेरठ। डी. ए. वी. सेंटेनरी पब्लिक स्कूल शास्त्री नगर में सोमवार को शिक्षक दिवस का आयोजन हर्षोल्लास एवं धूमधाम से किया गया, जो पंजाबी थीम पर आधारित था। इस दौरान छत्तीस वर्ष पूरे कर चुके शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
सर्वप्रथम विद्यालय प्रांगण में अध्यापकों का स्वागत तिलक लगाकर किया गया। तत्पश्चात शिक्षकों एवं संसार की मंगल कामना हेतु पावन यज्ञ किया गया। प्रधानाचार्य डॉ. अल्पना शर्मा ने सभी सुपरवाइजर के साथ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। सत्य और अनुशासन का पाठ पढ़़ाने वाले शिक्षक अक्षर-अक्षर से परिचित कराते हैं, कभी प्यार से कभी डांट से जीवन की सीख सिखाते हैं।




कार्यक्रम का आरंभ ही ढोल से हुआ और सभी ने अपना स्थान ग्रहण किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए छात्र मुदित ने सत्तर और अस्सी के दशक के गानों को गाया व दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यार्थियों ने कार्यक्रम के अन्तर्गत कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जिसमें एक मिनट गेम, आंखों पर बांधकर चित्र निर्माण तथा पुस्तक सिर पर रखकर रेड कार्पेट वॉक मुख्य आकर्षण रहे, जिनके विजेताओं को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्यारहवीं के छात्रों द्वारा अंग्रेजी गीत गायन कर शिक्षकों का अभिवादन किया गया। विद्यार्थियों ने पंजाबी थिरकन से समा बांध दिया। 'दिल दा मामला है दिलबर, मस्त कलंदर आदि पंजाबी गीतों को नृत्य का हिस्सा बनाया गया। इस कार्यक्रम में नन्हें बच्चे भी पीछे नहीं रहे और इस शृंखला में द्वितीय एवं तृतीय के विद्यार्थियों ने नृत्य नाटिका की सुंदर प्रस्तुति की। छात्र-छात्राओं ने गीतों के मेडले के द्वारा कार्यक्रम के जोश को कम न होने दिया और नृत्यों की शृंखला भी चलती रही।
 

 प्राचार्या डॉ अल्पना शर्मा जी ने ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का स्मरण करते हुए सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थी का संबंध एक कक्षा का ही नहीं होता बल्कि उसके आमूलचूल सकारात्मक परिवर्तन का होता है। शिक्षक जब विद्यार्थी के मनमस्तिष्क को पढ़ लेता है तो वह विद्यार्थी को परिवर्तित करने में, तथा उसे गढ़ने में भी सक्षम होता है। एक विद्यार्थी को पूर्णता देने में शिक्षक, विद्यालय की तो मुख्य भूमिका होती है, साथ ही अभिभावक भी प्रमुख भूमिका का निर्वाह करते हैं। छत्तीस वर्ष पूर्ण करने वाले डी.ए.वी. मेरठ की शान रहे समस्त शिक्षकों का प्राचार्य जी ने सम्मान किया और मालार्पण कर अभिवादन प्रदान किया और ढोल के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।