अतिक्रमण पर चला बाबा का बुलडोजर ,नही मिली मोहलत ,नई सड़क का मामला पढ़े...

दी न्यूज़ एशिया समाचार सेवा ।

मेरठ ।

आज दिनांक 10 अगस्त 2022 को गढ़ रोड स्थित शास्त्री नगर में खसरा नंबर 6041 को खाली कराने के उद्देश्य से नगर निगम की टीम द्वारा बलपूर्वक जेसीबी लगाकर खो-खो को हटा दिया गया। नई सड़क स्थित जय शिव खोखा व्यापार एसोसिएशन रजिस्टर्ड का 6041 खसरा नंबर पर गढ़ रोड व नई सड़क की ओर लगभग 70 खोखे पिछले 35 वर्षों से अधिक समय से अपना रोजगार कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। नगर निगम द्वारा इस भूमि पर 20 करोड़ की लागत से शासन को बहुमंजिला कार्यालय बनाने का प्रस्ताव भेजा गया जिसके लिए यह भूमि खाली कराई गई । जय शिव खोखा व्यापार एसोसिएशन रजिस्टर्ड के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा तथा महामंत्री राम कुमार ने अधिकारियों से गुजारिश की, कि पहले इस 6041 खसरा की पैमाइश कराई जाए ताकि यह पता चल सके कि यह खसरा नंबर की भूमि कहां तक है किन लोगों ने वास्तव में इस पर अतिक्रमण किया हुआ है,  पैमाइश ना की गई ना ही किसी प्रकार की रेखा से परिसीमन तय किया गया। जेसीबी लगाकर सभी व्यापारियों के खोखे तोड़ दिए गए। जय शिव खोखा  व्यापार एसोसिएशन रजिस्टर्ड ने मांग की थी कि जब तक यहां पर निर्माण हो तब तक यहां पर कार्य करने दिया जाए उसके बाद यहां से अपने खोखे हटा लेंगे अथवा निगम द्वारा किसी  प्रकार की दुकाने इस बहुमंजिला इमारत में बिक्री के लिए होंगी तो वह प्राथमिकता के तौर पर इन्हें दी जाए , ऐसा इनका निवेदन लगातार पिछले कई वर्षों से किया जा रहा था । खोखा व्यापारियों का कहना था कि खोखो के अतिरिक्त और भी यहां पर पक्का निर्माण कर 6041 खसरा नंबर को कब्जा किया हुआ है उसको ना हटाकर खोखो पर ही  यह कार्यवाही की गई। गरीबों की रोजी-रोटी पर प्रहार किया गया।  कल 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व है इस पर्व पर सभी लोग अपने घर में त्यौहार मनाते हैं और आने वाली 15 तारीख को देश का सबसे बड़ा पार्क 75वा अमृत महोत्सव मनाया जाने वाला है। ऐसे वक्त पर 2 दिन   पहले खोखो का तोड़ा जाना गलत था। 18 तारीख तक कि महोल्लत खोखा व्यापारी द्वारा मांगी गई थी । खोखा व्यापार एसोसिएशन रजिस्टर्ड के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा तथा व्यापारी नेता विपुल सिंघल राज्य मंत्री असीम अरुण जी से उनके मेरठ के दौरे पर एक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में मिलने गए ,उन्हें पूरे प्रकरण की जानकारी दी और उनसे एक हफ्ते की मोहलत मांगी, उन्होंने इसे न्याय संगत मानते हुए कहा कि हफ्ते की मोहलत दी जा सकती है, मैं जिलाधिकारी महोदय से बात करता हूं । परंतु उनके बार-बार फोन लगाने के बाद शायद जिलाधिकारी महोदय का फोन नहीं मिला और देखते ही देखते खोखे ज़मींदोज़ कर दिए गए।